मोदी हों या राहुल, सबका मक्का अमेरिका-लंदन!

यह सच्चाई है। तभी आजाद भारत की मनोदशा का यह नंबर एक छल है कि हम रमते हैं पश्चिमी सभ्यता-संस्कृति में लेकिन तराना होता है हिंदी-चीनी भाई-भाई या रूस-भारत भाई-भाई। यों आजाद भारत का पूरा सफर दोहरे चरित्र व पाखंडों से भरा पड़ा है लेकिन भारत की विदेश नीति में जितना पाखंड, दिखावा और विश्वगुरू बनने की जुमलेबाजी हुई वह रिकार्ड है। मैंने अफगानिस्तान पर सोवियत संघ के हमले, शीतयु्द्ध के पीक वक्त में अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर लिखना शुरू किया था। तब से आज तक वैश्विक मामलों में भारत की विदेश नीति के दिखावे और हकीकत, झूठ और सत्य के ऐसे-ऐसे ढोंग देखे हैं, जिससे विशाल आबादी वाला भारत दुनिया की तो छोड़ें गली का चौधरी भी नही बन पाया।

क्या राजस्थान, मप्र, छतीसगढ़ में कांग्रेस जीतेगी?

सवाल पर जरा मई 2024 की प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी परीक्षा के संदर्भ में सोचें। तो जवाब है कतई नहीं। इन राज्यों में कांग्रेस को लोकसभा की एक सीट नहीं मिलनी है। मई 2024 का लोकसभा चुनाव मोदी के लिए आखिरी, जीवन-मरण का, मरता क्या न करता के एक्सट्रीम दावों का है। तब भला दिसंबर के तीन विधानसभा चुनावों में वे कैसे इन तीन राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनने देंगे? खासकर राजस्थान और छतीसगढ़ में, सत्ता में रहते हुए कांग्रेस का दुबारा जीतना! यों इन तीन राज्यों में भाजपा कुछ अहम चेंज करने वाली है। उसकी टाइमलाइन अनुसार सचिन पायलट का फैसला होने वाला है।

ड्रैगन (चीन) का सुनहरा समय!

अमेरिका बनाम रूस में क्या फर्क है? अमेरिका गरूड़-ईगल, हंस जैसे पक्षियों की आजाद उड़ान है वही रूस भालूओं की महाशक्ति है। चीन बनाम भारत में क्या फर्क है? तो चीन आग उगलते ड्रैगन का पर्याय है वही भारत हाथी, गाय, भेड-बकरियों का वह शाकाहारी जंगल है, जो नियति के सर्कस में गुंथा हुआ है! पूछ सकते हैं भला इस तरह से विचार कैसे? इसलिए कि इन चार देशों की वृत्ति-प्रवृत्ति, जैविक-शारीरिक-मानसिक प्रकृति से पृथ्वी के सभी आठ अरब लोगों (मानवता) का भविष्य है! इन चार देशों की जनसंख्या कुल विश्व आबादी का 43 प्रतिशत है। यदि इसके साथ जुनूनी विकार में जीने वाली इस्लामी सभ्यता की तासीर को भी साथ में ले तो सब मिलाकर पृथ्वी की तीन-चौथाई आबादी की पांच सभ्यताओं से भविष्य है।

मणिपुर मामले को स्पिन देना आसान नहीं

इन दिनों हर पार्टी को ऐसे स्पिन डॉक्टर्स की जरूरत होती है, जो किसी भी घटना को दूसरा टर्न दे सके। मूल घटना पर से ध्यान हटा कर उसके दूसरे पहलू पर ध्यान केंद्रित करा दे। अगर मीडिया साथ हो तो ऐसा करना आसान हो जाता है। भारतीय जनता पार्टी हर समय इस तरह के काम करती है। उसके स्पिन डॉक्टर्स हर घटना को एक नया रूप देते हैं और फिर मीडिया उसी रूप का प्रचार करता है। कई बार तो ऐसा लगता है कि खुद प्रधानमंत्री ही स्पिन डॉक्टर का काम करते हैं और कई बार पार्टी खुद यह काम करती दिखती है। मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाए जाने की वीभत्स घटना का वीडियो आने के बाद जो दो काम पार्टी की ओर से किए गए हैं उनसे इस बात को समझा जा सकता है।

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