विश्व विश्वविद्यालय खेलों में भारत को चौथा स्वर्ण

अमन सैनी और प्रगति की कम्पाउंड मिश्रित तीरंदाजी टीम ने रविवार को चीन के चेंगदू में विश्व विश्वविद्यालय खेलों में स्वर्ण पदक हासिल किया जो भारत का इस प्रतियोगिता में चौथा सोने का पदक रहा। अमन और प्रगति ने रोमाचंक फाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने प्रतिद्वंद्वियों को 157-156 से हराया।

विश्व विश्वविद्यालय खेलों में भारत को चौथा स्वर्ण

अमन सैनी और प्रगति की कम्पाउंड मिश्रित तीरंदाजी टीम ने रविवार को चीन के चेंगदू में विश्व विश्वविद्यालय खेलों में स्वर्ण पदक हासिल किया जो भारत का इस प्रतियोगिता में चौथा सोने का पदक रहा। अमन और प्रगति ने रोमाचंक फाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने प्रतिद्वंद्वियों को 157-156 से हराया।

‘इंडिया’ का प्रचार कर रहे प्रधानमंत्री

विपक्षी गठबंधन ने 18 जुलाई की बेंगलुरू में हुई बैठक में तय किया था उसका नाम इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस यानी ‘इंडिया’ होगा। उसके बाद दो हफ्ते से भी कम समय में यह नाम लोगों की जुबान पर चढ़ गया है और इसका श्रेय जाता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी के नेताओं को। प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी गठबंधन को लेकर पिछले 10-12 दिन में इतने बयान दिए हैं

पीए मोदी होंगे लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित

Lokmanya Tilak Award:- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को पुणे का दौरा करेंगे और इस दौरान वह विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करने के साथ ही लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार भी ग्रहण करेंगे। पुणे पहुंचने के बाद मोदी दगडूशेठ मंदिर में पूजा-अर्चना भी करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट से शिवकुमार को नहीं मिली राहत

DK Shivakumar :- उच्चतम न्यायालय ने भ्रष्टाचार के एक मामले में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच पर अंतरिम रोक लगाने के उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से सोमवार को इनकार कर दिया।

सोचें, अच्छा क्या बचा?

सचमुच ‘अच्छा’ कुछ भी नहीं! अधिकांश लोग या तो अपना रोना लिए मिलेंगे या भक्ति में बेसुध। आप कह सकते हैं कि ऐसा मैं पूर्वाग्रह में लिख रहा हूं। मैं खुद मानता हूं कि दिमाग-बुदधि की झनझनाहट में ‘अच्छा’ यदि खत्म हुआ लग रहा है तो ऐसा होना उम्र व अनुभव की वजह से है। हो सकता है नौजवान ऐसा न सोचें। आखिर उसने देखा ही क्या है। सो, गपशप मेरे परस्पेशन से है। मेरी दो टूक मान्यता है कि भारत का फैब्रिक बिगड़ गया है। भारत के मौजूदा वक्त, मौसम, परिवेश, ढांचे, बुनावट-बनावट और जिंदगी में पुराना ‘अच्छा’ सब खलास है। जलवायु, आबोहवा ऐसी बिगड़ी है कि मैं गर्मी, ह्यूमिडिटी से तौबा किए हुए हूं। सावन अब काटता है! झुलसाता है।

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