भारतीय जनता पार्टी ने एनडीए के 25 साल पूरे होने पर इसको पुनर्जीवित किया तो यह देश के राजनीतिक विमर्श का सबसे प्रमुख मुद्दा बन गया। बनना भी चाहिए क्योंकि पिछले नौ साल से भाजपा जिस तरह की एकाधिकारवादी राजनीति कर रही है उसमें उसका गठबंधन की ओर बढ़ना और प्रधानमंत्री का यह कहना कि उनका गठबंधन एक सुंदर इंद्रधनुष है, जिसमें कोई भी पार्टी छोटी या बड़ी नहीं है, बहुत सुखद संकेत है। कई लोग इसे सुखद संकेत नहीं मानेंगे क्योंकि गठबंधन की सरकारों के बारे में ऐसी धारणा बना दी गई है कि उनके होने से राजनीतिक व प्रशासनिक अस्थिरता को बढ़ावा मिलता है। यह धारणा भी बनाई गई है कि केंद्र में मजबूत सरकार से न सिर्फ स्थिरता आती है, बल्कि बाह्य और आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित होती है। यह एक गढ़ा हुआ विमर्श है, जिसे तथ्यों के आधार पर प्रमाणित नहीं किया जा सकता है। हकीकत यह है कि इस देश में गठबंधन की सरकारों ने विकास के ज्यादा काम किए हैं